Authored by | Junaid Ahmad |
Affiliation | Scholar, Integral University Lucknow |
Article Info | Received: 29 October 18 Revised: 01 November 18 Accepted: 02 November 18 |
Edited by | Ramzan Siddiqui |
Keywords | विज्ञानं , आला हज़रत , अकादमी, बहुभाषीय |
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DOI | 10.7910/DVN/UUANSP |
Abstract
आला हज़रत क़ुरान हदीस फ़िक़ह के ही जानकार नहीं थे, बल्कि विज्ञान में भी आपको महारत हासिल थी ! आप अलैहि रहमा ने फिज़िक्स, ज्युमेट्री, ज्योलोजी, कैमिस्ट्री, इकोनोमिक्स, कामर्स, स्टेटिस्टिक्स, एस्ट्रोनोमी, एल्जेब्रावग़ैरह सब्जेक्ट पर भी खूब लिखा है !आप अलैहि रहमा ने साइंटिस्ट आइंस्टीन के ज़मीन के गर्दिश करने के फार्मूले को ग़लत क़रार दिया है ! आला हज़रत ने अपनी बात के हक़ में क़ुरान से क़रीब 105 दलीलें दी हैं ! इस पर साइंटिस्ट्स के बीच आज भी बहस जारी है ! आपने जल का रंग क्या है ? यह दुनिया को बताया, तो मोती और शीशा पीसने से सफेद क्यूँ हो जाते हैं ? इसके वुजूहात से दुनिया को आगाह किया। आला हज़रत ने पारा के आग पर ना ठहरने के बाबत रोशनी डाली । रोशनी जितने एंगिल पर जाती है उतने पर से कैसे पलटती है ये दुनिया को बताया। आईने में दरार पड़ जाये तो दरार वाली जगह सफेद क्यूँ मालूम होती है ? ये बताया । मिट्टी की क़िस्में और उनकी खासियत पर रोशनी डाली। आपने घोड़ों की नस्लें वा उनकी रफ्तार का भी ज़िक्र किया है । अपने वक़्त के मशहूर नुजूमी अमेरिका के न्यूटन आइन्स्टाइन हों या फ्राँस के अल्बर्ट एफ पोना दोनों की भविष्यवाणियों को आला हज़रत ने फल्कियात की बुनियाद पर बोकस क़रार दिया, जोकि सच साबित हुईं आपने जाने माने मैथमेटिशियन सर ज़ियाउद्दीन के सवाल को सेकेंडों में हल कर लोगों को बता दिया कि आलाहज़रत का इल्म मदरसे मस्जिद के अहकाम तक महदूद नहीं है । आपकी विज्ञान के किसी मौज़ू पर आई राय को उस सब्जेक्ट के माहिरीन कि हिम्मत ना हुई कि आपकी बात झूटला दे । बल्कि आपकी राय पर काम करके माहिरीनों ने अपनी खोई मंज़िल पा ली है । आप अलैहि रहमा ने हिकमत पर भी भरपूर लिखकर लोगों को अमराज़ से निपटने की दवाइयाँ बताई हैं । आपने इल्मे नुजूम से अपनी वफ़ात यानि दुनिया से कूच करने की तिथि और समय तक बता दिया था । आपके बताये वक़्त पर ही आप फानी दुनिया को छोड़ गये । इन्ना लिल्लाहे वा इन्ना इलैहि राजीऊन । आज अमेरिका हो फ्राँस । रूस हो बरतानिया । चीन हो या मिस्र । सभी छोटे बड़े देशो में आला हज़रत की पेश लेख पर खूब रिसर्च का काम चल रहा । दुनिया हैरतज़दा है कि एक मौलवी का क़रीब क़रीब हर सब्जेक्ट पर ऐसा कह जाना जो अमिट है अपने आपमें सरप्राइज़ से कम नहीं है । अमूमन एक आदमी एक या दो ही सब्जेक्ट में ही माहिर होता है । मगर आला हज़रत का हर सिम्त सिक्के बिठा देना मुखालिफों के दाँत खट्टे कर देता है जो एक मौलवी को नमाज़ रोज़ा तक ही महदूद समझते हैं

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